Saturday

माँ, सुना दे वो बालपन की कहानी

मुझे याद आती है बातें पुरानी,
माँ, सुना दे वो बालपन की कहानी |

जवानी की तपती हुई ज़िन्दगी में,
कहाँ से ये ठंडी हवा आ रही है |
उलझन भरी सूनी रातों में कोई,
मीठे स्वरों में लोरियां गा रही है |
वो ममता की तस्वीर भूली पुरानी,
माँ, सुना दे वो बालपन की कहानी |

खुली नदियों में उछलना मचलना,
नदिया किनारे की रेती में चलना |
चंदा में परियों की रानी का दिखना,
मूझे याद आता है तुझसे चिपकना |
तू सुनाती थी जब चांदनी में कहानी,
माँ, मुझे याद आती है वो जिंदगानी |

मुझे आज फिर से  वो दिन लौटा दे,
माँ बालपन की कहानी फिर से सुना दे |