माँ, सुना दे वो बालपन की कहानी |
जवानी की तपती हुई ज़िन्दगी में,
कहाँ से ये ठंडी हवा आ रही है |
उलझन भरी सूनी रातों में कोई,
मीठे स्वरों में लोरियां गा रही है |
वो ममता की तस्वीर भूली पुरानी,
माँ, सुना दे वो बालपन की कहानी |
खुली नदियों में उछलना मचलना,
नदिया किनारे की रेती में चलना |
चंदा में परियों की रानी का दिखना,
मूझे याद आता है तुझसे चिपकना |
तू सुनाती थी जब चांदनी में कहानी,
माँ, मुझे याद आती है वो जिंदगानी |
मुझे आज फिर से वो दिन लौटा दे,
माँ बालपन की कहानी फिर से सुना दे |
1 comment:
Such a beautiful tribute to mothers! Thank you for sharing.
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